नई दिल्ली, 27 जनवरी। गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो इस समय भारत की यात्रा पर हैं। भारत और इंडोनेशिया ने राष्ट्रपति सुबियांटो की यात्रा के दौरान व्यापार, सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग का वचन देते हुए रक्षा और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया।
इंडोनेशियाई नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल मुहम्मद अली ने सोमवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के साथ वार्ता करके करीबी दो समुद्री पड़ोसियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय बातचीत की।
दोनों नौसेना प्रमुखों के बीच वार्ता के मुख्य बिन्दुओं में अभ्यास समुद्र शक्ति जैसी संयुक्त पहल को आगे बढ़ाना, परिचालन सहयोग को मजबूत करना और समुद्र में समुद्री डकैती, अन्य अवैध गतिविधियों सहित साझा समुद्री चुनौतियों का समाधान करना शामिल था।
इंडोनेशियाई नौसेना के चीफ की इस यात्रा में प्रमुख समुद्री प्रतिष्ठानों जैसे कि सूचना संलयन केंद्र हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर), हथियार और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली, इंजीनियरिंग प्रतिष्ठान में भी बैठकें होनी हैं, जिसमें क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री डोमेन जागरुकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इंडोनेशियाई नौसेना प्रमुख को साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
एडमिरल मुहम्मद अली ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) का भी दौरा किया। इंडोनेशिया ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली हासिल करने के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहा है और दोनों पक्ष सौदे के मूल्य निर्धारण पर व्यापक सहमति पर पहुंच गए हैं, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 450 मिलियन डॉलर है।
एडमिरल अली ने रक्षा एवं रणनीति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारतीय नौसेना और रक्षा हितधारकों के साथ एडमिरल मुहम्मद अली की बातचीत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और सुरक्षित और शांतिपूर्ण समुद्री वातावरण सुनिश्चित करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांटो की राजकीय भारत यात्रा पर एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपने रक्षा और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिसमें दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र के रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रमों का समर्थन करने और व्यापार में लंबित टैरिफ की बाधाओं को हल करना शामिल है। बयान में कहा गया है
कि घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण के महत्व को पहचानते हुए राष्ट्रपति प्रबोवो ने भारत की प्रगति को सराहा और इस क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने में रुचि व्यक्त की। दोनों देशों ने संयुक्त रक्षा सहयोग समिति का उपयोग करके रक्षा उद्योग में सहयोग मजबूत करने पर प्रतिबद्धता जताई।