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अहमदाबाद, 28 जनवरी | नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जोधपुर जेल से निकलकर गुजरात वापस आए हैं। वह फिलहाल अहमदाबाद के साबरमती स्थित अपने आश्रम में हैं। आसाराम ने 10 साल की लंबी अवधि के बाद अहमदाबाद के आश्रम में प्रवेश किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम सशर्त जमानत दे दी है। जोधपुर जेल में सजा काट रहे आसाराम जमानत पर रिहा होने के 10 साल बाद अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में दाखिल हो गए । जमानत की शर्त यह है कि आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे। हालांकि, जैसे-जैसे इसके बारे में साधकों को पता चला है, वे आश्रम पहुंचने लगे हैं। पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया तथा आश्रम में स्थिति न बिगड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे गश्त शुरू कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब आसाराम को जमानत मिली तो उनके अहमदाबाद आने की अटकलें बढ़ गईं। खास बात यह है कि आसाराम का यह आश्रम पहले भी कई विवादों में घिर चुका है।
दीपेश-अभिषेक की अप्राकृतिक मौत का मामला, उसके बाद दुष्कर्म जैसी घटनाओं की शिकायतें और फिर आसाराम आश्रम अपने अनुयायियों के कारण भी विवादों में रहे हैं। जांच के दौरान कई विवाद सामने आये। इस बीच चांदखेड़ा पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है कि आसाराम अंतरिम जमानत के दौरान कोई नया विवाद खड़ा न करें।
आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद अप्रैल 2019 में सूरत की एक अदालत ने उनके पुत्र नारायण साईं को बलात्कार का दोषी ठहराया था।