अगर आप भी गूगल प्ले
स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करते हैं, तो यह खबर आपके लिए
बेहद अहम है। गूगल ने हाल ही में प्ले स्टोर से 180 से ज्यादा ऐप्स को हटा दिया है। यह कार्रवाई एक बड़े ऐड फ्रॉड घोटाले के सामने आने के बाद की गई,
जिसमें
साइबर ठगों ने नकली ऐप्स बनाकर करोड़ों यूज़र्स को प्रभावित किया। इस घोटाले का
असर 5 करोड़ 60 लाख से अधिक डाउनलोड पर पड़ा।
ये ऐप्स वायरस नहीं
थे, लेकिन इनका मकसद विज्ञापन कंपनियों को
चूना लगाना था। ऐप्स नकली तरीके से दिखाते थे कि उनके विज्ञापन लाखों यूज़र्स देख
रहे हैं, जबकि असल में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा
था। यानी दिखावा बड़ा–असर शून्य।
इन ऐप्स को इंस्टॉल
करने वाले यूज़र्स को लगातार और अत्यधिक विज्ञापन दिखाए जा रहे थे। नतीजा—फोन
अनुभव खराब और ऐप तुरंत अनइंस्टॉल करने की मजबूरी। यह स्थिति गूगल प्ले की
भरोसेमंद छवि के लिए भी खतरा बन रही थी।
स्कैमर्स ने ऐप्स को
इस तरह डिजाइन किया कि वे बिल्कुल असली लगें और टॉप कैटेगरी में भी दिखें। कुछ
ऐप्स में तो कोई आइकन या ओपन बटन तक नहीं था, जिससे उन्हें पहचानना
और हटाना लगभग नामुमकिन हो रहा था।
विज्ञापन कंपनियों के
पैसे बर्बाद हुए क्योंकि उनके ऐड असली दर्शकों तक पहुंचे ही नहीं। साथ ही, जेनुइन डेवलपर्स की कमाई में भी सेंध लगी, क्योंकि फेक ऐप्स उनकी जगह ट्रैफिक और रेवेन्यू खा रहे थे।
‘इंटीग्रल ऐड साइंस (IAS)’ ने इस फ्रॉड की
रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर गूगल तुरंत एक्शन में
आया। 180+ फर्जी ऐप्स हटाने के साथ-साथ, Google Play Protect को और ज्यादा मजबूत
कर दिया गया है ताकि यूज़र्स को खतरनाक ऐप्स की समय रहते चेतावनी मिल सके।
1. गूगल ने कदम उठा लिया
है, लेकिन आपकी सतर्कता भी जरूरी है—
2. ऐप डाउनलोड करने से
पहले डेवलपर का नाम और रिव्यू ध्यान से पढ़ें
3. अनजान ऐप्स को परमिशन
देते समय सावधान रहें
केवल भरोसेमंद और आधिकारिक ऐप्स ही
इंस्टॉल करें