नई दिल्ली: सरकार टेलिकॉम सेक्टर में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार एजीआर बकाये पर टेलिकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दे सकती है। इसका सबसे ज्यादा फायदा कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया को होगा। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार कंपनियों पर सरकार का भारी बकाया है। इसमें ब्याज और जुर्माने का एक बड़ा हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक सरकार 50% ब्याज और 100% जुर्माना तथा जुर्माने पर ब्याज माफ करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर इसे लागू किया जाता है तो यह भारत में टेलिकॉम बिजनस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। साथ ही इससे टेलिकॉम सेक्टर में दो बड़ी प्राइवेट कंपनियों के दबदबे को चुनौती मिलेगी।
सूत्रों ने बताया कि अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलती है तो टेलिकॉम कंपनियों को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राहत मिलेगी। इसमें सबसे ज्यादा फायदा वोडाफोन आइडिया को मिलेगा। इस कंपनी पर सरकार का हजारों करोड़ रुपया बकाया है। प्रस्तावित राहत के तहत वोडाफोन आइडिया का एजीआर बकाया 52,000 करोड़ रुपये से अधिक कम हो सकता है। वित्तीय रूप से मजबूत भारती एयरटेल को करीब 38,000 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज को 14,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। रिलायंस जियो पर कोई एजीआर बकाया नहीं है। टाटा टेली अब रिटेल सर्विसेज नहीं देती है बल्कि एंटरप्राइजेज मोबिलिटी सर्विसेज देती है।
एक सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और कैबिनेट सचिवालय सहित उच्चतम स्तर पर चर्चा की जा रही है। सरकार 1 फरवरी के बजट में इस उपाय की घोषणा करने के लिए काम कर रही है। टेलिकॉम इंडस्ट्री साल 2016 में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है। अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के रुख का समर्थन करते हुए टेलिकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया लगाया। इसमें 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) शामिल थे। बकाया राशि का लगभग 75% ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज था।