मुंबई के दो युवा, प्रशांत और मंगेश ने लॉकडाउन के दौरान नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू किया. उन्होंने ‘शुद्धमय’ नाम से एक आटा मिल स्थापित की, जो आज एक सफल ब्रांड बन चुका है. शुरू में यह एक छोटे स्तर पर शुरू किया गया था, लेकिन अब यह तेजी से बढ़ रहा है. उनका उद्देश्य लोगों तक शुद्ध और गुणवत्ता वाला आटा पहुंचाना था, जो अब सफलतापूर्वक पूरा हो रहा है.
‘शुद्धमय’ आटा मिल कांदिवली स्टेशन से सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर स्थित है. उन्होंने पारंपरिक गेहूं और चावल के आटे के साथ-साथ घावने का आटा, कोंबडी वड़े का आटा और मल्टीग्रेन 7.4 जैसे खास आटे भी बाजार में उतारे हैं. उनकी सेवा का एक खास पहलू यह है कि वे तीन किलोमीटर के दायरे में पांच किलो से अधिक आटे की मुफ्त डिलीवरी भी देते हैं. इससे ग्राहकों को सुविधा मिलती है और उनका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है.
प्रशांत का कहना है, “हम दोनों पहले से ही खुद का बिजनेस करना चाहते थे. लॉकडाउन ने हमें यह मौका दिया, क्योंकि उस समय लोगों को उनके घर तक शुद्ध आटा पहुंचाने की जरूरत थी. इसी सोच के साथ हमने यह मिल खरीदी और बिजनेस की शुरुआत की.” उनकी मेहनत और सोच ने उन्हें कामयाबी दिलाई और आज वे कई लोगों तक अपने ब्रांड की पहचान बना चुके हैं.
मंगेश पहले एक मीडिया कंपनी में काम करते थे, जहां उन्हें 35,000 रुपये महीना वेतन मिलता था. लेकिन अब वे अपने इस बिजनेस के जरिए सालाना 15 से 16 लाख रुपये कमा रहे हैं. उनका कहना है, “मुंबई के लोग हमारे ब्रांड को काफी पसंद कर रहे हैं. कई ग्राहक तो यह भी कहते हैं कि हमें पहले ही यह सेवा शुरू करनी चाहिए थी, क्योंकि लोगों को शुद्ध और भरोसेमंद आटे की जरूरत होती है.”
प्रशांत और मंगेश की यह सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. सही योजना, मेहनत और ग्राहकों की जरूरत को समझकर वे अपनी पहचान बना सकते हैं. ‘शुद्धमय’ आटा मिल न केवल एक बिजनेस मॉडल है, बल्कि यह दिखाता है कि यदि सही दिशा में मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित है