टाटा केमिकल्स के शेयरों में 4 फरवरी को 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जो कंपनी की तीसरी तिमाही में आई आय में गिरावट के कारण है. दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 21 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में 194 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ था. कंपनी का मुनाफा सोडा ऐश की कम कीमतों और 70 करोड़ रुपये के एकमुश्त असाधारण नुकसान से प्रभावित हुआ. यह असाधारण घाटा कर्मचारी समाप्ति लाभ, संयंत्र और मशीनरी के बंद होने, और यूके के नॉर्थविच में लोस्टॉक संयंत्र में सोडा ऐश उत्पादन बंद होने के कारण हुआ था.
कंपनी का परिचालन से राजस्व पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 3,730 करोड़ रुपये के मुकाबले 3.8 प्रतिशत घटकर 3,590 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. परिचालन मार्जिन भी तीसरी तिमाही में घटकर 12.1 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 14.5 प्रतिशत था.
टाटा केमिकल्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ, आर मुकुंदन ने कहा कि कंपनी का समग्र प्रदर्शन पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा, मुख्यतः सोडा ऐश की कम कीमतों और संयंत्र उत्पादन में रुकावट के कारण. उन्होंने भविष्य में चुनौतियों का सामना करने की संभावना जताई, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि दीर्घावधि में सुधार की उम्मीद है, खासकर विकास क्षेत्रों द्वारा संचालित प्रवृत्तियों के आधार पर.
कंपनी का सकल ऋण 31 दिसंबर, 2024 तक 6,722 करोड़ रुपये था. जो पिछले वर्ष की तुलना में 810 करोड़ रुपये अधिक था. इसके अलावा, कम EBITDA और उच्च कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के कारण शुद्ध ऋण बढ़कर 5,329 करोड़ रुपये हो गया.